Jaun Elia Shayari in Hindi | जॉन एलिया शायरी इन हिंदी |
Hello, friends welcome back to the EnglishToHindis web portal today we will discuss Jaun Elia Shayari in Hindi language. Friends Jaun Elia was a well-known Pakistani Urdu and Hindi poetry writer born in Uttar Pradesh, India. At the time of the partition of India and Pakistan, he shifted to Pakistan with his family. He has written many poems on his life, love, friendship, heartbreak, and sadness.
Best Collection of Jaun Elia Shayari in Hindi
ज़िंदगी से और कितनी शिकायतें करूं, तू भी बिछड़ जाए, ऐसा इरादा ना था।
ख़्वाबों का तो सब्र था, मगर ये हक़ीक़त, हर दर्द को बयाँ करने का सलीक़ा ना था।
ज़हर पीना तो आदत थी, पर तेरी जुदाई, इससे भी ज़्यादा तकलीफ दे जाएगी, सोचा ना था।
अब नहीं कोई बात ख़तरे की,
अब सभी को सभी से ख़तरा है।
वो मेरा होने में कुछ नहीं था,
ख़ुदा को होने में वक़्त लगता है।
वो रिश्ता भी अजीब था जो टूट कर भी जुड़ा रहा,
कुछ हमसे, कुछ उससे, बस यूँ ही बना रहा।
दिल के जख्मों को दिखाना जरूरी नहीं,
हर कोई समझेगा नहीं, हर कोई मरहम लगाएगा नहीं।
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Hindi Jaun Elia Best Shayari
दिल तो मेरा उदास है नादान दोस्त,अब अगर तू कहे तो हंस भी दूं।
उसे पढ़ा नहीं जाती, किसी किताब की सूरत,
मैं जिसको भूल चुका हूँ, उसे भुलाए जा रहा हूँ।
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मैं भी बहुत अजीब हूँ, इतना अजीब हूँ कि बस,
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं।
दिल क्या तेरा जब खाक हुआ,
अब उठना बैठना सब दुआ।
दश्त-ए-तन्हाई में बैठा हूँ मैं,
और दिल है कि बहलता ही नहीं।
बहुत पास के फासले थे,
मगर मुझे तुम से जितना गिला हो गया।
उलझा है पांव यार का जुल्फ-ए-दराज़ में,
लो तुम भी अपने सर से ये बंधन उतार दो।
मोहब्बत अब मोहब्बत हो चली है,
कि अब रस्म-ए-वफ़ा भी कुछ नहीं है।
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Last words on Jaun Elia Shayari in Hindi
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